ममतामई मां
ममतामई मां
ममता भरी आंचल का .....
नाम है मां ,,,,,,,
अपना सब कुछ बार देने वाली का नाम है मां,,,,
मां के हृदय को समझे ना कोई,,, कभी सुख में कभी दुख में
वह रोई....।
कभी हाथों से ,,,
कभी हृदय से स्पर्श किया ।
सभी कष्टों को बांट लिया ।
मां की सेवा का मोल ना कोई
मां के हृदय को समझे ना कोई,,।
स्वर्णिम सा सुख देता हर पल
मां ,,,,,का ममतामई आंचल।
भर देती है वह जीवन में
मधुरिम प्यार पल पल ।
सुख बरसाती मन हर्षाति,,,
कर देती न्योछावर तन मन,,,
और संतान के खातिर,,,
खुद को मिटा देती है ।
बिना अस्तित्व के ही जग में
पूरा जीवन जीती है ,,।
कितना अनमोल अविस्मरणीय है मां की कहती अनकही कहानी,,। कुछ भी मिले दुनिया में मगर ,,,
मां सा सौम्य आंचल ,,,
कहीं नहीं ,,,,,,
कहीं नहीं,,।।
✍️
दीप्ति राय (दीपांजलि)
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय रायगंज खोराबार गोरखपुर
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