मोहल्ला - कक्षाएं
मोहल्ला - कक्षाएं
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मोहल्ला - कक्षा कोविड की विषम परिस्थितियों में जन्मा अभूतपूर्व नवाचार है जो अल्पकाल में ही शासनादेशों में समाहित होकर प्रत्येक शिक्षक के शिक्षण कार्य का अनिवार्य अंग बन गया । सभी
शिक्षक साथियों के इस सम्बन्ध में रोचक अनुभव हैं । मोहल्ला - कक्षा पर आधारित ये काव्य- चित्र आपकी सेवा में प्रस्तुत है---
हर गली - मोहल्ला ,
अब चर्चा यही चली ,
पाठशाला तो बंद पड़ी है ये,
गुरुओं की टोली कहाँ चली।
फाड़ फाड़ ये आँखें देखें ,
इनकी गाड़ी कहाँ फँसी ?
जनता करे अचम्भा सारी,
रोके , रुकती नहीं हँसी ।
पीपल बरगद की छाँव तले ,
ये बिछा खटोला बैठ गए ,
भावनाओं की उड़ी पतंगें ,
ज्ञान की चरखी खूब चली।
कौन पास है, कौन दूर है ,
क्या ऊपर , क्या नीचे ,
अवलोकन तकनीक लगा,
बतला दो जल्दी से प्यारे ।
छोटा कौन , कौन है लम्बा ,
क्या हल्का , क्या भारी ,
निज अनुभव से सीख लिया
तो बतलाने की करो तैयारी।
गुरु जहाँ है , ज्ञान वहीं है,
शाला से मिलती है सिद्धि,
प्रेरणा से जगती है आशा ,
जो सुख में करती वृद्धि ।
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मोहल्ला - कक्षाएं , एआरपी हिन्दी
सिम्भावली, हापुड़ ।
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