आजाद " हम "
आजाद " हम "
आजादी के दीवाने हम....
कुछ अलबेले... कुछ मस्ताने हम...!
मैं तुम्हें आज आजादी की एक कहानी सुनाता हूँ....
मसरूफियत संग...
अपने भारत से तुम्हारी पहचान करवाता हूं....!!
शौर्य ,वैभव और बलिदान की ये अनोखी गाथा है...,,
तिलक , आजाद ,भगतसिंह की ये जो निःशब्द भाषा है....!!!
ये बात , जालियांवाला बाग से आई है...
नेहरू ,ग़ांधी और सुभाष के संघर्षो ने हमे आजादी जो दिलाई है...!!
वो रात आज फिर वापस आयी है...
1947 ,वाले भारत से आज के भारत की पहचान जो करवाई है....
ये कहानियां उन दीवानों की है...
भारत माता पर मर-मिटे परवानो की है....
मर मिटे है इस देश के लिए....
ये बात जरूर पुरानी है....
भारत हमारा भाग्य-विधाता....
ये बात सबको बतानी है.....
जनगणमन-अधिनायक जय हे भारतभाग्यविधाता!❤️
शुभम श्रीवास्तव
फतेहपुर🇮🇳
जय हिन्द वन्देमातरम 🙏🌺🌺🙏
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