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ऐसा रक्षाबंधन चाहिए

ऐसा रक्षाबंधन चाहिए

जीवन में कुछ बंधन चाहिए,
प्रेम का पवित्र गठबंधन चाहिए।
मन स्वच्छ एक आवरण चाहिए,
मुझे तो ऐसा रक्षाबंधन चाहिए।। 

सत्य पे झूठ हावी न हो पाए,
 कुटिलता कोई कर न पाए।
सरलों को रक्षा का बंधन चाहिए,
मुझे तो ऐसा ही रक्षाबंधन चाहिए।।

कहीं कोई बंदरबाट न हो,
जिसका हक उसे ही प्राप्त हो।
ऐसी समझ का बंधन चाहिए,
मुझे तो ऐसा ही रक्षाबंधन चाहिए।।

बुजुर्गो का जहाँ सम्मान हो,
 कमजोरों को उठाने का भान हो।
ऐसों को मान का बंधन चाहिए,
मुझे तो ऐसा रक्षा बंधन चाहिए।। 

प्रकृति को हम दुखी न कर पाएँ,
जनरेटर अट्टाहस न कर पाएँ।
भँवरों की मधुर गुँजन चाहिए,
मुझे तो ऐसा रक्षाबंधन चाहिए।।

भौतिक सुविधाओं की होड़ न हो,
 मिलावटों का गठजोड़ न हो।
मासूम स्पर्श शीतल चंदन चाहिए,
मुझे तो ऐसा रक्षाबंधन चाहिए
 हैं।।

फिल्मों का अंधानुकरण न हो,
ब्रह्मचर्य समाज का वरण हो|
ऐसा यौवन नंदन चाहिए,
मुझे तो ऐसा रक्षाबंधन चाहिए||

भाई बहन की करे रक्षा,
भाई को भी मिले सुरक्षा।
प्रेम-सुरक्षा पवन चाहिए,
मुझे तो ऐसा ही रक्षाबंधन चाहिए।। 

जहाँ जो सत्य कमजोर हो जाए,
उसको रक्षा का सूत्र मिल जाए|
देश अपने का वंदन चाहिए,
मुझे तो ऐसा ही रक्षाबंधन चाहिए||

✍️
रचना
प्रतिभा भारद्वाज
अलीगढ़


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