बेबसी किसान की
बेबसी किसान की
हूँ मैं छोटा सा किसान
कहलाता अन्नदाता
मैं सबको दे जाता हूँ
कोई न मुझे दे जाता
बेबसी में कट रहे
जीवन हैं मेरे
साहूकार लूट रहे
बनके लूटेरे
लूट लूट के धन देश के
लूटकर ले जाता
मैं सबको दे जाता हूँ
कोई न मुझे दे जाता
बड़ी मेहनत से अन्न उगाए
पानी डाल डाल कर सींचा
खाद के पैसे है नही
कोई ना हमसे पूछा
कर्ज लेकर मैं
अपना काम चलाता
मैं सबको दे जाता हूँ
कोई न मुझे दे जाता।
✍ रचनाकार
दीपक कुमार यादव
(स•अ•)
प्रा वि मासाडीह
महसी, बहराइच
मो• 9956521700
No comments