मम तात
🙏माँ शारदे को नमन🙏
पटल को नमन
शीर्षक-मम तात
यह कविता मेरे पिता जी को समर्पित है🙏🌹
धीर,वीर,गंभीर हृदय ,अनुशासित मेरे तात,
निश्छल, विह्वल,कोमल फूलों जस है उनके जज्बात।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
सागर सा गंभीर हृदय है,अधरों पर मुस्कान,
जन्म दिया पल पोसा,दिखाया हमे जहां।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
गेह की सौंधी खुसबू आपकी,सदा रहती मेरे पास,
आप से ही नित चलती रहती हम बच्चो की स्वास।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
परम पूज्य मेरे पापा है हम सबकी आप छाव,
बिन आपके जग में ना कोई दूजा मेरा ठाव ।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
सादर नमन बंदन करती हूं,कोटि-कोटि आभार,
जग में ला के आपने दिया हमे अम्बर भर प्यार।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
विषधर बन के अपनो ने, सदा छला मम तात ,
फिर भी विषाद को दूर कर,उन्हें लगाया मात।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
जीवन बिता मातु बिन तात आप नित साथ,
कमी कभी महसूस न हो ,खुद मन मे रखते जज्बात।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
अथक परिश्रम से पाला-पोसा,रहे सदा निर्भीक,
आप के ही बल पर पापा खड़ी है घर की भीख।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
सम्पूर्ण जगत में मात-ुपितु जस नही है दूजा नाम,
चरणों मे करु सुमन समर्पित,ममता अंजुरी बांध।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
धीर,वीर ,गंभीर हृदय है मन कोमल एहसास,
है आपका वरद हस्त तो चलती मेरी स्वास।
मेरे पापा नमन करती हूं मैं......
✍️
ममता प्रीति श्रीवास्तव(प्र०प्र०अ०)
जनपद - गोरखपुर
उत्तर प्रदेश,भारत
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