फादर्स डे
हलांकि पिता के लिए कोई विशेष दिन नहीं होता और होना भी नहीं चाहिए..हमारे अस्तित्व की आधारशिला होतें हैं हमारे माता पिता...
फिर भी आज फादर्स डे के बहाने आज कुछ पंक्तियों के साथ आप सभी को नमन🙏
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नमन् है आज उन पिताओं को,
जिनकी गोदी में खेलतीं हैं बेटियां
बड़ी होती जाती हैं तो दिनोंदिन
अक्खड़ मिज़ाज और जिद्दी..
सपने देखने और उन्हें सच करने की कूवत रखने वाली...
आज उन्हें भी नमन करने को जी चाहता है.
जिन्होंने अकूत धनसम्पति का वारिस
नहीं बनाया बच्चों को
लेकिन उनके उगते, उमगते पंखों को
परवाज़ दी..
साथ साथ उडे़ भी कुछ दूर तक
कि बच्चे जहाँ भी जाएं
हारते गिरते पडते फिर उठते संभलते भी जाएं..
उन्हें यह समझ आ जाना
कि उत्तराधिकार में जो नहीं मिलता
उसे कमाना पड़ता है
औलाद को जन्म देना
और उन्हें ठीक से बड़ा करना ..
दोनों अलग बातें हैं..
ये समझने वाले हर पिता को आज सादर नमन है ।
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ऊषा सिंह स.अ.
पूर्व माध्यमिक विद्यालय भडसार
सहजनवां गोरखपुर
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