आओ मिलकर आगे बढ़ें
आओ मिलकर आगे बढ़ें
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आओ मिलकर आगे बढ़ें,
समता का दीप जलायें हम ।
भारत को खुशहाल बनायें,
एकता का पाठ पढ़ायें हम ॥
नेक कर्म से आये हम हैं,
जाने फिरसे कहाँ जायेंगे ?
सुधारें अपने इसी जन्म को,
जाने आगे जन्म क्या पायेंगे ?
ईश्वर ने रचना की सबकी,
रुप रंग सब एक दिया है ।
हम सब हैं उसके ही बन्दे,
नहीं कभी मतभेद किया है ॥
फिर मिलकर जागृत हों ,
स्वयं ही सन्मार्ग बताये हम ।
ममता के भाव से आगे बढ़ें,
मानवता को दिखलाये हम ॥
✍️
रवीन्द्र शर्मा
जनपद- महराजगंज, उ०प्र० ।
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