हम नया भारत बनायें
हम नया भारत बनायें
सूरज के किरणों से होता,.
आशा का नया सवेरा ।
खुद रोशनी बन जगमगायें,
हम नया भारत बनायें ॥
विश्व में अपनी ताकत दिखायें।
अतुल्य ज्ञान से गुरु बन जायें ।
आयें मिलकर सबको जगायें,
हम नया भारत बनायें ॥
पर्वतों के जैसा सर ऊँचा उठायें ।
नदियों के जैसा निर्मल हो जायें ।
कलियों सा कोमल बन जायें,
हम नया भारत बनायें ॥
जाति -धर्म में समय न गवायें ।
खुद के खातिर न दीये जलायें ।
प्रतिभा को सर्वजन में दिखायें,
हम नया भारत बनायें ॥
समता का भाव मन में जगायें ।
भौरों के जैसा सदा गुनगुनायें ।
दीन- दुःखियों को मिल हँसायें,
हम नया भारत बनायें ॥
✍️
रवीन्द्र शर्मा
ग्राम - बेलवां बुजुर्ग, पो० - जद्दू पिपरा
जनपद - महराजगंज, उ०प्र०
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