वीर सैनिक
वीर सैनिक
दिन रात रहते सैनिक सरहद पर,
देश के नेतागण मौज उड़ाते हैं ।
बर्फीले, रेतीले तूफानों को सहते,
जनता को अमन चैन से सुलाते हैं ॥
नेता वोट मांगते झूठे वादों पर ।
विजय पाने पर फर्ज भूलाते हैं ॥
गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी फैला,
वे काले धन स्विस बैंक पहुँचाते हैं ॥
सीमाओं पर वीर गोलियां खाते,
मातृभूमि के लिए प्राण गंवाते हैं ॥
भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं भारतवासी,
शिक्षितों को वे खूब भरमाते हैं ॥
चीन-पाक हमें आँखे दिखाते,
नेता ऊर्जा वाक युद्ध में खपाते हैं ॥
आतंक -पोषक, कोई अवरोधक,
शहीदों के बच्चों का हाल न पूछे जाते हैं ॥
✍️
रवीन्द्र शर्मा
जनपद - महराजगंज, उ०प्र०।
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