llनही अब सोने की चिड़ियाll
llनही अब सोने की चिड़ियाll
हमें था इतना जो गुमान
मिलता था सबको सम्मान
नहीं अब सोने की चिड़िया
बनें हिन्दू कोई मुसलमान
भटकता है देखो इंसान
नहीं अब सोने की चिड़िया
नहीं है प्रेम ना है यशगान
खुदी पर है सबको अभिमान
नही अब सोने की चिड़िया
कहीं अल्लाह कहीं भगवान
कहे कोई हैं ईसा महान
नहीं अब सोने की चिड़िया
घटे ईमान और सम्मान
बुराई हो रही बलवान
नहीं अब सोने की चिड़िया
बदलता देखो हिन्दुस्तान
अमन का ना कोई स्थान
नहीं अब सोने की चिड़िया
✍️रचयिता
दीपक कुमार यादव
प्रा.वि.मासाडीह
विकास खण्ड-महसी
जनपद-बहराइच
मो•9956521700
Ati sundar hriday ke taar ko jhankrit karne wala.
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