शहीद भाई
शहीद भाई
भेंट चढ़ि गइलन जवनवा ये माई
दुश्मन बाटे कसाई......
सीमा के रक्षा करें दिन रतिया,
भारत माँ के खातिर आवे न निदिया।
करें दिन रात निगहबानी ये माई,
दुश्मन बाटे कसाई......
भेँट चढ़ि.....
आजु के दिनवा भाई सगरो,
छिन्न भिन्न भइलन कतरन कतरन
अँखियाँ त गइल पथराई ये माई,
दुश्मन बाटे कसाई.....
भेँट चढ़ि......
देशवा के खातिर समर्पित भइलन,
ताबूत में टुकड़न में अइलन।
केहू कइसे पहचानी ए माई
दुश्मन बाटे कसाई.........
भेट चढ़ि..……
शांतिदूत जस हरदम सहलन ,
पीड़ा हृदय में समाहित कइलन,
आतंकी समझे न भाव ए माई
दुश्मन बाटे……
भेंट चढ़ि.……
घरवा में बिलखेली माई बहिना,
तिरिया के लोरवा से भर गइल अंगना,
बेदर्द तनिको न बुझे माई
दुश्मन बाटे कसाई……
भेंट चढ़िए ………
गोदी के ललना लखि नाही पइले,
बाबा के खैरियत खबर देइ दिहले
ओहि बीचे भइले बमबारी ए माई
दुश्मन बाटे कसाई………
भेंट चढ़ गइलन………
कबले घात लगाई ए माई,
दुश्मन बाटे कसाई……
कबले चली ई लड़ाई ए माई
दुश्मन बाटे कसाई……
भेंट चढ़ गइलन विरनवा ए माई।
✍️
ममता प्रीति श्रीवास्तव
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश
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