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हमारा बहराइच

हमारा बहराइच


बहराइच की धरती है अनुपम और प्यारी, सांस्कृतिक धरोहर से सजी है ये सारी।

इस कविता से बच्चों तुमको है ये बताना, देखो अपना ये बहराइच है कितना सुहाना ।

बहराइच-नेपाल व्यापार है सदियों पुराना, संस्कृति और समृद्धि का है ये अनुपम खजाना।

कतर्निया घाट का जंगल भी तो है सुहाना, हरियाली में बसे पशु-पर्यटन का है ये ठिकाना।

चीनी मिलें यहां की पहचान का तराना जिनकी मिठास के आगे नतमस्तक ज़माना।

दरगाह सैयद सालार है अमन चैन का खजाना, जनमानस में फैलाये भाईचारे का फसाना।

महाराजा सुहेलदेव की गाथा जो है ये महान, चित्तौरा झील गूँजाए उनकी ये पहचान।

मरी माता मंदिर में बसती है शक्ति महान, हर कोई करता है जिसका अनगिन गुणगान ।

सिद्धनाथ मंदिर है जहां आस्था की शान, दिल में जगाता प्रेम व जीवन में नयी जान।

गोंडा और श्रावस्ती जैसे पड़ोसियों का गुमान तो सीमा इसकी बाराबंकी, सीतापुर, और खीरी भी पहचान ।

✍️ रचनाकार - अनुज कुमार सिंह
(शिक्षक संकुल)
न्याय पंचायत - अलीनगर कला
ब्लॉक शिवपुर, बहराइच 

अनुज कुमार सिंह जो कि कानपुर नगर के मूल निवासी हैं और विगत 8 वर्षों से जनपद बहराइच में शिवपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय नकही प्रथम में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं और वर्तमान में शिक्षक संकुल पद के दायित्वों का निर्वहन भी कर रहे हैं। 

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