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जमाना खराब है

गजब का था तूफान ...तुम क्या जानो 
यह तो हम है कि चल रहे है
इन हवाओं की बेपरवाही कश्ती ही जा डुबोती 
यह तो हम हैं कि चल रहे हैं।
वक्त का खंजर आस्तीन में ही छुपा था कहीं मगर 
यह तो हम हैं कि चल रहे हैं
देखे हैं जिंदगी के कई रूप करीब से मगर
 ये तो हम हैं कि चल रहे हैं
यह जो गिराने का दस्तूर है बड़ा पुराना है
 यह तो हम हैं कि चल रहे हैं।
मुझे मालूम है कि जमाना खराब है मगर
 यह तो हम हैं कि चल रहे हैं।
अपनी तराजू से ना तोलो मेरे हौसलों का वजन
 यह तो हम हैं कि चल रहे हैं। 

✍️
अलका खरे स.अ 
प्राथमिक विद्यालय रेव मोंठ 
जिला झांसी

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