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कैसे मैं दुनिया में आती

कैसे मैं दुनिया में आती

कैसे मैं दुनिया में आती,
अगर पिता ना होते,
कौन जिन्दगी भर सुरक्षा का वचन लेता,
किसको बाधती में राखी,
अगर भाई ना होता,
किससे मैं लड़ती-झगड़ती सारे,
किस्से किसे सुनाती,
अगर दोस्त ना होता,
किसकी खातिर करती मैं ऋंगार,
कौन कदम मिलाकर चलता,
ताउम्र गुजरती कैसे,
अगर पति ना होता,
स्त्री अगर दुनिया का आधार,
पुरुषों से ही चलता घर संसार है,
रौशन हो जाए ये जीवन,
चलते दोनों जब साथ हैं,
एक है दिया एक है बाती,
कैसे मैं दुनिया में आती..
कैसे मैं दुनिया में आती..

✍️
नुतन शाही, स०अ०
प्रा० वि० बेलवार खोराबार
गोरखपुर,उत्तर प्रदेश                               

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