एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम
मिलजुल कर कसम हमको खानी है अब,
पृथ्वी को स्वर्ग बनाएंगे हम। ।
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम।
धरती पर होगा प्रदूषण खत्म,
धरती पर जीवन ना होगा खत्म।
मिलजुल कर कसम अब ये खाएंगे हम।
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम।
होगा चारों तरफ ही हरियाली,
जीवन में भी होगी खुशहाली।
बगिया का माली जब बन जाएंगे हम।
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम।
छाया भी मिलेगी ऑक्सीजन भी,
आश्रय भी मिलेगी और भोजन भी।
आने वाली नस्लों को बचा पाएंगे हम।
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम।
फ़ज़ा भी होगी प्रदूषण से मुक्त,
फ़ज़ा होगी विषैली गैसों से मुक्त।
सच्चे मन से इरादा जो कर लेंगे हम।
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम।
सकून भी होगा और खुशहाली,
और चारो तरफ होगी हरियाली।
जीत जायेगें जीवन की हर बाजी हम।
एक वृक्ष धरा पर जब लगाएंगे हम।
✍️
मो०जियाउल हक अंसारी
(प्र०अ०) कम्पोजिट विद्यालय सजीवन वि०क्षे०-बाँसगाँव जनपद-गोरखपुर
(ए०आर०पी० हिन्दी - खोराबार, जनपद-गोरखपुर )
कोई टिप्पणी नहीं