मैत्री दिवस
मैत्री दिवस
जिसकी संगति से बने, उत्तम धवल चरित्र।
सत्कर्मों की सीख दे, वो है सच्चा मित्र।।
दुःख में सहभागी रहे, खींचे सुख के चित्र।
प्रेम करे निःस्वार्थ जो, वो है सच्चा मित्र।।
भाव सदा परमार्थ का, उर में रहे पवित्र।
जिसका दृढ़ ईमान हो, वो है सच्चा मित्र।।
कर्मों से महके सदा, जनसेवा का इत्र।
पर-पीड़ा से हो व्यथित, वो है सच्चा मित्र।।
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पुष्पेन्द्र 'पुष्प'
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