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शक्ति का अवतार

शक्ति का अवतार

सृजन हूँ मैं
संहार हूँ मैं
त्रैलोक्य स्वामी की जननी
दिवस हूँ मैं और वार हूँ मैं
प्रतिपल पलते आवेशों को
जीती मरती हर बार हूँ मैं
आदर दो या अपमान करो
या स्वाभिमान पर वार करो
करती सहर्ष स्वीकार हूँ मैं
भाँप सके न जो अनन्त्तता मेरी 
शिखर में छिपी ज्वलामुखी का द्वार् हूँ मैं
सहनशीलता का प्रस्तर दया क्षमा का आगार हूँ मैं
शक्ति का अवतार हूँ मैं
सृजन हूँ मैं
संहार हूँ मैं।।

✍️
नूतन शाही  स०अo
प्रा०वि० बेलवार खोराबार
  गोरखपुर

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