मेरे भाग्य विधाता
मेरे भाग्य विधाता
हे! महा मानव संपूर्ण हो तुम
भारत मां की जान है तुमl
मातृभूमि की शान है तुम
जीवन का वरदान है तुम ll
संघर्षों से पूर्ण भरा जीवन
तब भी मंद मुस्कान करोl
जग में छाई अंधेरा तो
जल कर भी प्रकाश बनोll
ईर्ष्या द्वेष से भरा पड़ा जग
जग में लालच छाई हैl
सर्वस्व समर्पित करने वाले
ज्ञानी और महान हो तुमll
धरती जैसा धैर्य है जिसमें
संपूर्ण आकाश समाया हैl
महा शिव के तांडव जैसा
तब भी संपूर्ण शांत हो तुमll
नदियों जैसा कल कल छल छल
पावन धारा जैसे हो तुमl
देव तुल्य हे महामानव
जन जन का कल्याण करोll
धैर्य विशालता के प्रतिमूर्ति
निश्चल एवं पवित्र हो तुमl
जन-जन में फैलो ऐसे
जैसे किरणें फैल रहीll
विश्वास हमारा है तुम पर
अनाथों के नाथ बनोl
गरीब अमीर ऊंच-नीच के
भेदभाव को दूर करोll
✍️
पूनम मिश्रा
गोरखपुर, उत्तर- प्रदेश
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