विवेकानन्द जी आये
विवेकानन्द जी आये
आज दिवस को मातु पितु के गोद में बालक आये,
आह्लादित मन हुआ सभी का लख लख के हर्षाएं,
आये आये विवेकानन्द जी आए.......
मुख पर तेज लिए बालक,
विवेकानंद घर जो आए।
कुल गौरव बन के वो तो.
कुल का मान बढ़ाए।
आये आये...............
गुरु परम हंसको पाकर
आत्मज्ञान का दर्शन पाएं
यशश्वी गुरु के यशश्वी शिष्य बन
मिशन जगत में फैलाएं।
आये आये.......
बचपन का था नाम नरेंद्र
सनातन धर्म के प्रहरी ,
शूट बुट से दूर का नाता,
वह तो भगवा धारी ।
आये आये........
विश्व पताका फहराएं,
शिकागो धर्म सम्मेलन में,
बजी तालियां घंटो तक जब,
भाई बहनों फरमाएं।
आये आये............
अमरीका हो या हो यूरोप,
जन - जन के दिल में छाए,
मान बढ़ाकर भारत का,
योग वेदांत का दर्शन कराए।
आये आये.........
अन्धविश्वास के धुर विरोधी ,
नारी शिक्षा के पक्षधर ,
युवाओं में तेज थे भरते...
उठो जागो
लक्ष्य प्राप्ति को जगाये
आये आये....................
आज दिवस को मातु पितु के गोद में बालक आये.
आह्लादित मन हुआ सभी का लख लख के हर्षाएं.
आये आये विवेका नन्द जी आये l
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ममताप्रीति श्रीवास्तव (शिक्षिका)
जनपद- गोरखपुर
उत्तर प्रदेश
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