ऐसे थे वह महापुरुष
ऐसे थे वह महापुरुष
ऐसे थे वह महापुरुष ।
जो भारत की चिन्ता करते थे ।
फूट डालो व राज्य करो की,
जन सभाओं में निन्दा करते थे॥
एक भारत, श्रेष्ठ भारत ही,
बस यही था उनका प्रिय नारा ।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
सिर्फ लहराये तिरंगा प्यारा ॥
एक देश, एक संविधान हो,
संजोये थे प्रतिपल वह सपने ।
हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई,
मिलकर रहें सब समझें अपने ॥
31 अक्टूबर सन्1875 में, गुजरात के नाडियाद में जन्म हुआ।
उनके अवतरण से पावन भूमि,
यह प्यारा वतन धन्य धन्य हुआ॥
बचपन से निर्भीक व साहसी,
अपनाये गाँधी जी के सत्याग्रह को।
वकालत छोड़कर देश सेवा में,
स्वीकार किये मॉ भारती के आग्रह को ।
प्रथम उप प्रधानमंत्री व गृह मंत्री,
उन्हें बनने का गौरव प्राप्त हुआ ।
साढ़े छः सौ रियासतों का विलय किये ।
जब भारत उदय स्वतंत्र हुआ ॥
साहस, धैर्य व निर्भिकता को,
सदा समझते थे वह खेल ।
भारत का विस्मार्क व लौहपुरुष,
वह थे सरदार बल्लभ भाई पटेल॥
भारत रत्न से हुए सुशोभित,
निजी हितों का परित्याग किये ।
15 दिसम्बर 1950 में वह,
भौतिक शरीर का त्याग किये॥
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रवीन्द्र शर्मा( शिक्षक)
पूर्व मा० वि० बसवार संविलियन
क्षेत्र- परतावल, जनपद- महराजगंज, उ०प्र०
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