विश्व हिंदी दिवस
विश्व हिंदी दिवस
अमृत के प्याले सी हिंदी,
ग्रंथों के उजाले सी हिंदी।
राष्ट्र की पहचान है हिंदी,
हमारा अभिमान है हिंदी।।
हिंदी मन की भाषा है,
भावों की यह अभिलाषा है।
हर जुबान से मुखरित है यह,
भाषा के सागर से तलाशा है।।
हिंदी का सदा हो सम्मान,
हिंदी का सदा हो उत्थान।
श्रेष्ठता है इस भाषा में ही,
हिंदी का सभी करें गुणगान।।
हिंदी लगती सबको प्यारी,
सभी भाषाओं से न्यारी।
मन के सारे भाव बताती,
इसके संस्कार सब पर भारी।।
देवनागरी भाषा है हिंदी,
देश रूपी शरीर की श्वास है हिंदी।
नेह ,लगाव,स्नेह है हिंदी,
मानव को अनूठा वरदान हिंदी।।
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नम्रता श्रीवास्तव ( प्रधानाध्यापिका)
प्राथमिक विद्यालय बड़ेहा स्योंढा
क्षेत्र-महुआ जिला-बांदा
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