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परेड

परेड

विशेष वेशभूषा में संगठित होती सैनिक ब्रिगेड,
इसे ही प्यारे बंधु हम कहते हैं परेड।

सामान्यत: इसे कहते हैं एक प्रकार का जुलूस,
सैनिक दस्ते के साथ ग़ैर सैनिक समूह का भी समावेश।

वाद्य यंत्र संगीत के साथ झांकियों का योगदान,
ध्यानाकर्षण का इसमें पृथक पृथक  सामान।

गणतंत्र दिवस जैसे उत्सव पर महत्व इसका विशेष,
संकटग्रस्त क्षेत्रों में जनता को आश्वासन करने में प्रयोग।

26 जनवरी 1950 को इतिहास की प्रथम परेड हुई,
उस समय से आज तक  प्रथा निरंतर चलती गई।

उस परेड में शामिल थे सेना के 3000 जवान,
100 एयरक्राफ्ट ने भी बढ़ाई थी इसकी शान।

महाशक्ति बनने की ओर भारत है अग्रसर,
इस सपने की तस्वीर का परेड पर है असर।

गणतंत्र दिवस है एकता, अखंडता, स्वतंत्रता का प्रतीक,
परेड 135 करोड़ भारतीयों के राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक।

राजपथ की परेड गणतंत्र की वार्षिक परंपरा,
दुनिया के सबसे बड़े गणतंत्र होने का भाव भरा।

सेना और सुरक्षा बलों के शौर्य पराक्रम का भाव,
राष्ट्र गौरव को महसूस करने में जागे देश भक्ति भाव।


✍️
नम्रता श्रीवास्तव ( प्रधानाध्यापिका)
प्राथमिक विद्यालय बड़ेहा स्योंढा
क्षेत्र-महुआ जिला-बांदा (उत्तर प्रदेश)

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