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शिक्षक हित-गीत

शिक्षक हित का पोषक हूँ मैं,सुन मेरे मन मीत।
मन ही मन गाता रहता हूँ,शिक्षक हित के गीत।।
शिक्षक हित.......................................।।
आँख उठाकर जो भी देखे,कलम हृदय के पार।
शब्द बाण से छलनी सीना,ज्यों तीखी तलवार।।
भ्रष्ट दलालों को करता हूँ,कविता से भयभीत।
मन ही मन गाता रहता हूँ,शिक्षक हित के गीत।।
शिक्षक हित.......................................।।
शिक्षक हूँ मैं राष्ट्र प्रथम है,तत्पश्चात स्वधर्म।
तीन रंग का ध्वज है अपना,प्रेम एकता मर्म।।
हिन्दू मुस्लिम से कहता हूँ,नहीं छोड़ना प्रीत।।
मन ही मन गाता रहता हूँ,शिक्षक हित के गीत।।
शिक्षक हित ......................................।।
मुझे शपथ है वीर शिक्षकों ! शेष रखूँ मैं  मान।
मृत्यु लिखूँ इस शक्ति गीत में,शत्रु मुण्ड का दान।।
संघ शक्ति की कील ठोक दूँ,जिससे मिलती जीत।
मन ही मन गाता रहता हूँ,शिक्षक हित के गीत।।
शिक्षक हित......................................।।
विधा - सरसिमिलिंदपाद छंद
संक्षिप्त परिचय :-

यथोचित नमन है सबको,सबको प्रणाम मेरा।
है चित्रकूट जनपद,टेढ़वा है ग्राम मेरा।।
मैं विप्र हूँ सिपाही,कलम का बन गया हूँ।
मैं हूँ सुनील द्विवेदी, नवोदित है नाम मेरा।।
नाम - सुनील कुमार _'नवोदित'_
पिता - श्री शंकर प्रसाद द्विवेदी
माता - श्रीमती पंकज कुमारी द्विवेदी
पता - 76,स्पासा परिवार,शिवनगर पोस्ट मानिकपुर,जनपद चित्रकूट,पिन- 210208
नौकरी- प्राथमिक शिक्षक (परिषदीय)
संपर्क दूरभाष- 09161842470 (व्हाट्सएप), 07753023513
ईमेल पता- navoditji@gmail.com
फेसबुक पता-
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