रखता सबसे प्रीत है
जन-गण-मन है राष्ट्रगान और वन्देमातरम गीत है
यह है भारत देश हमारा ,रखता सबसे प्रीत है।
यह है भारत देश हमारा ,रखता सबसे प्रीत है।
नदियाँ,सागर,झील व झरना,सुन्दर सा उपहार है
सबसे ऊँचा खड़ा हिमालय,भारत का सरदार है।
सबसे ऊँचा खड़ा हिमालय,भारत का सरदार है।
बदल-बदल के आती ऋतुएं,मनमोहक यह वादी है
यहीं प्रेम है,यहीं शान्ति है,यहीं की पावन माटी है।
यहीं प्रेम है,यहीं शान्ति है,यहीं की पावन माटी है।
जो भी प्यार से हाथ बढ़ाता,वही हमारा मीत है
यह है भारत देश हमारा, रखता सबसे प्रीत है।
यह है भारत देश हमारा, रखता सबसे प्रीत है।
हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख ,ईसाई,जैन,यहूदी एक हैं
विविध भले हो बोली-भाषा,पर सारे जन एक हैं।
विविध भले हो बोली-भाषा,पर सारे जन एक हैं।
कभी ईद और कभी दीवाली,होली और बैसाखी है
कभी मुहर्रम,क्रिसमस देखो,और कलाई पे राखी है।
कभी मुहर्रम,क्रिसमस देखो,और कलाई पे राखी है।
हर मानव में मानवता ही , यहाँ पुरानी रीति है
यह है भारत देश हमारा,रखता सबसे प्रीत है।
यह है भारत देश हमारा,रखता सबसे प्रीत है।
समृद्धि है इतिहास हमारा,और सभ्यता पायी है
सोने की चिड़िया भारत ,इसीलिए कहलायी है।
सोने की चिड़िया भारत ,इसीलिए कहलायी है।
तकनीकी के दम पर ही , देश निरंतर बढ़ता है
सारी दुनिया रही अचंभित,यह मंगल पे चढ़ता है।
सारी दुनिया रही अचंभित,यह मंगल पे चढ़ता है।
अखिल विश्व के आगे ही,यही हमारी जीत है
यह है भारत देश हमारा,रखता सबसे प्रीत है।
यह है भारत देश हमारा,रखता सबसे प्रीत है।
खेतों में फसलों को उगाता,हर किसान बलवान है
सरहद पर जो जान गवांए, अमर ज्योति जवान है।
सरहद पर जो जान गवांए, अमर ज्योति जवान है।
झंडा अपना बनके पताका ,चोटी पर लहराता है
भारत माँ का शीश गर्व से, देखो बहुत सुहाता है।
भारत माँ का शीश गर्व से, देखो बहुत सुहाता है।
आँख दिखा न पाए दुश्मन,खुद इतना भयभीत है
यह है भारत देश हमारा,रखता सबसे प्रीत है।
यह है भारत देश हमारा,रखता सबसे प्रीत है।
रचनाकार
योगेन्द्र प्रताप मौर्य
ग्राम व पोस्ट- बरसठी
जिला-जौनपुर
मो-8400332294
योगेन्द्र प्रताप मौर्य
ग्राम व पोस्ट- बरसठी
जिला-जौनपुर
मो-8400332294
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