भाग्यशाली बेटे
भाग्यशाली बेटे
भाग्यशाली हैं बेटे,
मां-पिता के साथ का सौभाग्य है उनके हिस्से में।
बेटियां तो मन मसोस के रह जाती हैं,
विवाह के बाद मेहमान बन जाती हैं।
आती हैं पीहर तो निहारती ही रह जाती हैं
द्वार, देहरी, आंगन और रसोई...
आने की खुशी कब बिदाई की बेला में बदल जाती है,
आंखों की चमक आंसुओं से भर जाती है।
मां के आंचल की छांव, पिता की ढाल,
सब छूट जाता है।
बेटियां पराई हो जाती हैं और बेटे अपने ही बने रहते हैं...
भाग्यशाली हैं बेटे!
✍️ प्रसून मिश्रा
जिला – बाराबंकी
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