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मेरी प्यारी बिटिया

"मेरी प्यारी बिटिया, "

मैं अपने को  याद कर रही थी, 
उसी क्षण आई  बिटिया मेरी  |
चारों ओर फूल खिल गए, 
खुशबू फैलाए बिटिया मेरी||

मेरे आंगन की चिड़िया, 
चू-चू करके शोर मचाए |
भा जाए सबके मन को, 
ऐसी है बिटिया मेरी||

मेरे घर की रौनक है, 
चारों ओर उजाला फैलाए|
जग में छाई अंधियारी  को, 
दूर भगाए बिटिया मेरी||

घर सूना लगता है मेरा, 
जब वह घर से बाहर जाती|
वात्सल्य भाव जगा जाए, 
आंचल की खुशियां बिटिया मेंरी॥ 

, मां सरस्वती विराजमान हैं, 
बोले मीठे- मीठे बोल बिटिया मेरी|
कोयल की सी प्यारी बोली, 
मन भाए बिटिया मेरी||

मां की परछाई है जो, 
भोली, प्यारी बिटिया मेरी|
जन-जन में छा जाए, 
अपने हुनर से बिटिया मेरी॥ 

कुछ डांट बोल दे जब हम उसको,
क्षण में पास आए बिटिया मेरी  |
गोदी में ऐसे लिपटाये, 
जैसे स्नेह भरा पावन रज हो||

मां की अभिलाषा, उम्मीद है, 
अपनी एक पहचान बनाए बिटिया मेरी|
अंधकार जीवन में मेरे, 
पूर्णिमा बन आयी बिटिया मेरी||

आकांक्षा है जीवन की वह मेरी, 
पूर्णिमा बन छाए बिटिया मेरी|
पूनम की यही आशीष, 
हर क्षण मुस्काए बिटिया मेरी||

✍️
 डॉ.  पूनम मिश्रा
गोरखपुर उत्तर प्रदेश

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