बेटियां
बेटियां
स्नेहिल सुगंधित पवन जस,
घर को महाकाती हैं बेटियां।
वेद की पावन ऋचाओं जस,
पावन होती हैं बेटियां।
एक अनोखे भाव से पूर्ण,
हर सुख दुःख भांप जाती हैं बेटियां।
मासूमियत भरी मुस्कान लख,
दिल का टुकड़ा बन जाती हैं बेटियां।
इठलाती इतराती मंद मंद मुस्काती,
घर अंगना को चहकाती हैं बेटियां।
भाई के स्नेह में आह्लादित,
पिता की जान होती हैं बेटियां।
मां की ममता बहन की प्रीत,
आंचल को खुशियों से भर देती हैं बेटियां।
लू के थपेड़ों में जब चूर हो मन,
एक शीतल छांव बन जाती हैं बेटियां।
घर ,परिवार अपनो के साथ,
घर की शान अभिमान है बेटियां।
है दुआ अंतरहृदय से जीवन पथ पर,
सदा सुखी,सफल,स्वस्थ,दीर्घायु रहे बेटियां।
जीवन में हर क्षेत्र में ,
एक मुकाम पाएं बेटियां।
पथ सदा प्रगति के हों,
देश जगत समाज में नाम पाएं बेटियां।
जब भी नव डगर पर हो कदम,
ना डरे ना रुके, ना थमे ना थके,
मां की ममता से सदा साहस हिम्मत
धैर्य ,शुभाशीष पाएं बेटियां।।।
मेरी सभी बेटियों को मेरे तरफ से हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां ,शुभाशीष
✍️
ममताप्रीति श्रीवास्तव
प्रधानाध्यापक
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