वह है गुरु
वह है गुरु
सदमार्ग पर जो ले जाए
ज्ञान की मन में जोत जलाए
मन में जो बस जाए।
वह है गुरु .......
मुख से निकले निर्मल वाणी,
भव्य है हर कार्य प्रणाली। अज्ञानता को दूर करते,
निंदा को मन से हरते ।
वह है गुरु......
सबको देखें एक समान,
सच्चा है उनका ईमान।
आदर बड़ों का वह सिखलाते,
कठिन पथ को सरल बनाते।
वह है गुरु.........
हर वक्त जो चलते साथ,
गुणों की करते हम सब में तलाश।
आगे बढ़ने का दिलाते विश्वास,
बनाते हमको सब में खास।
वह है गुरु.......
हर दिन एक नई सीख बतलाते, सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं,
जीवन जीने का गुण....
गुरुवर हमे सिखाते।
अध्ययन का महत्व बताते,
वह है हमारे गुरु।।
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दीप्ति राय "दीपांजलि"
सहायक अध्यापक
कंपोजिट विद्यालय रायगंज खोराबार गोरखपुर
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