कान्हा जन्म
“कान्हा जन्म”
देव है प्रसन्न नभ, फूल बरसाऐ हैं।
वृज में आनंद आज, ऩन्द घर आऐ हैं।।
1-गोपी ग्वाल बाल वृज, नाचें सब गाऐ हैं।
बधाई है यशोदा मईया, लाल तुम जाऐ हैं।।
2- प्रेम की है प्यास कान्हा, लिए हम आऐ हैं।
निरख सलौनी सूरत, धन्य भाग्य पाऐ हैं।।
वृज में आनंद आज,.........................हैं।
3- मंद मतवारी प्यारी, सूरत दिखाऐ हैं।
सब वृजवासी धन्य, वारी सब जाऐ हैं।।
4- लटा घुघराली काली, शीश को छुपाऐ हैं।
नयनन सनेह सब, कुछ कहे जाऐ हैं।।
वृज में आनंद आज,............हैं।
5- मन्द मुस्कात गाल, लाल होठ भाऐ हैं।
लीलाधारी यशोदा के, लाल कहाऐ हैं।।
6- पैजनियां है पाँव, में घुँघरू बजाऐ हैं।
चरण पखार जाके, तिहु लोक चाहे हैं।।
वृज में आनंद आज,..................... हैं।
7- नन्द बाबा सुख पाय, खजाने लुटाऐ हैं।
यशोदा के घर आज आनंद-कंद आऐ हैं।।
8- कान्ह सुध लीजै ‘नैमिष’, हाथ जोड़ गाऐ हैं।
पास बुलाइके मोहि, काहे तरसाऐ हैं।।
वृज में आनंद आज,.............हैं।
✍ रचियता :
श्रीमती नैमिष शर्मा
स.अ.
पूर्व माध्यमिक विद्यालय- तेहरा
विकास खण्ड- मथुरा
जिला- मथुरा
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