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नन्हें मुन्ने प्यारे प्यारे

नन्हें मुन्ने प्यारे प्यारे ।
बच्चे मेरे स्कूल के सारे ।।

रोज़ लगन से पढ़ने आते ।
कभी न कोई बहाना बनाते ।।
कहते पहाड़ा, गिनती गाते ।
ABCD की रट हैं लगाते ।।
नन्हें मुन्ने प्यारे प्यारे ।
बच्चे मेरे स्कूल के सारे ।।

धर्म जात का भेद न करते ।
मिलजुल कर सब भोजन करते ।।
अ, आ, इ का कलरव करते ।
पढ़ने से कभी न पीछे हटते ।।
नन्हें मुन्ने प्यारे प्यारे ।
बच्चे मेरे स्कूल के सारे ।।

आपस में हैं प्रेम से रहते ।
प्रेम से रहते, कभी न लड़ते ।।
संस्कारों का ज्ञान है लेते ।
भारत माँ का जयकारा भरते ।।
नन्हें मुन्ने प्यारे प्यारे।
बच्चे मेरे स्कूल के सारे ।।

है मेरा इनसे रिश्ता प्यारा ।
रिश्ता प्यारा जग से न्यारा ।।
भविष्य हो उज्ज्वल बच्चों तुम्हारा ।
है यह आशीर्वाद तुमको हमारा ।।
नन्हें मुन्ने प्यारे प्यारे।
बच्चे मेरे स्कूल के सारे।।

रचयिता 
आमिर फ़ारूक़
सहायक अध्यापक
उच्च प्राथमिक विद्यालय औरंगाबाद माफ़ी
विकास क्षेत्र सालारपुर
जनपद बदायूँ

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