1 जुलाई
1 जुलाई खड़ा सामने
करता है संकेत ।
निकल गयी गर्मी की छुट्टी
जैसे कि मुट्ठी से रेत ।।
तरह - तरह बातें फिर भी
बता रहे थे अफसर ।
खूब दौड़ लगाया कागज
इस दफ्तर उस दफ्तर ।।
साफ़ सफाई संग कर लो
अब सब पूरी तैयारी ।
शिक्षण सत्र पुनः शुरू
करने की है जिम्मेदारी ।।
तन मन को आराम मिला
तो सोचो अच्छी बात ।
नई जोश व नई विधा से
करना है शुरुआत ।।
होगी दिवस अनुसार कड़ाई
प्रांगण में वृक्षारोपन ।
वादन के अनुसार पढ़ाई
मीनू अनुसार हो भोजन ।।
तरह तरह के पत्र मिलेंगे
भाँति भाँति फरमान ।
कभी निरीक्षण कभी है वितरण
भाँति - भाँति गणना पहचान ।।
हो कैसी भी राह मगर
उसको करना है आसान ।
विचलित होना नहीं कभी
करते रहना शिक्षा का दान ।।
कभी - कभी शिक्षक लिटमस पेपर से
पास कराये जाएंगे ।
तरह तरह के हथकंडे
उन पर अपनाये जाएंगे ।।
सच्ची निष्ठा से अरुण हमें
अपना फर्ज निभाना है ।
शिक्षक ही सच्चा उन्नायक
ऐसा विश्वास दिलाना है ।।
राष्ट्र - हित में सदा आगे को
कदम बढ़ाता शिक्षक ।
शिक्षण कर्म है प्यारा जिसको
अपना दायित्व निभाता शिक्षक ।।
बीत गयी जो खट्टी मीठी
उन यादों को जाओ भूल ।
समय- समय पे हो हर काम
समय से ही पहुँचो स्कूल ।
उन्मुख होकर अरुण झाँकता
हर योग दिखाता शिक्षा-निकेत ।
निकल गयी गर्मी की छुट्टी
जैसे कि मुट्ठी से रेत ।।
करता है संकेत ।
निकल गयी गर्मी की छुट्टी
जैसे कि मुट्ठी से रेत ।।
तरह - तरह बातें फिर भी
बता रहे थे अफसर ।
खूब दौड़ लगाया कागज
इस दफ्तर उस दफ्तर ।।
साफ़ सफाई संग कर लो
अब सब पूरी तैयारी ।
शिक्षण सत्र पुनः शुरू
करने की है जिम्मेदारी ।।
तन मन को आराम मिला
तो सोचो अच्छी बात ।
नई जोश व नई विधा से
करना है शुरुआत ।।
होगी दिवस अनुसार कड़ाई
प्रांगण में वृक्षारोपन ।
वादन के अनुसार पढ़ाई
मीनू अनुसार हो भोजन ।।
तरह तरह के पत्र मिलेंगे
भाँति भाँति फरमान ।
कभी निरीक्षण कभी है वितरण
भाँति - भाँति गणना पहचान ।।
हो कैसी भी राह मगर
उसको करना है आसान ।
विचलित होना नहीं कभी
करते रहना शिक्षा का दान ।।
कभी - कभी शिक्षक लिटमस पेपर से
पास कराये जाएंगे ।
तरह तरह के हथकंडे
उन पर अपनाये जाएंगे ।।
सच्ची निष्ठा से अरुण हमें
अपना फर्ज निभाना है ।
शिक्षक ही सच्चा उन्नायक
ऐसा विश्वास दिलाना है ।।
राष्ट्र - हित में सदा आगे को
कदम बढ़ाता शिक्षक ।
शिक्षण कर्म है प्यारा जिसको
अपना दायित्व निभाता शिक्षक ।।
बीत गयी जो खट्टी मीठी
उन यादों को जाओ भूल ।
समय- समय पे हो हर काम
समय से ही पहुँचो स्कूल ।
उन्मुख होकर अरुण झाँकता
हर योग दिखाता शिक्षा-निकेत ।
निकल गयी गर्मी की छुट्टी
जैसे कि मुट्ठी से रेत ।।
रचयिता
अरुण कुमार यादव,
उ0प्रा0वि0 बरसठी, जौनपुर |
मो0 9598444853
अरुण कुमार यादव,
उ0प्रा0वि0 बरसठी, जौनपुर |
मो0 9598444853
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