राह तभी है ठानी हमने, जब देखा ऋतु प्रतिकूल रही हम पथिक बने उन राहों के, ना हवा जहाँ अनुकूल बही हम जला स्वयं को दुनिया में, उजियारा करने वाले हैं चुन फूल सभी को लाएंगे, अपने दामन में शूल सही
बहुत सही कहा। ऊर्जावान पंक्तियाँ। (h) (h) (h)(h) (h) (h)
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