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गुरु के चरणों में प्रणाम

गुरु के चरणों में प्रणाम

गुरु सर्वश्रेष्ठ गुरु का सर्वश्रेष्ठ स्थान
अर्पण करूं मैं गुरु के चरणों में अपना प्रणाम
गुथू शब्द सुमन के हार् अर्पण करूं गुरु को
जो हमें देते शिक्षा ज्ञान का प्रकाश
गुरु है भाग्य विधाता गुरु से सब लोक
हाथों के शिक्षा की लकीरें गढ़ते हर रोज
धर्म की राह पर चलना सदा सिखाते
सींचते थोडा -थोडा नन्हें पौधों को
फिर ज्ञान का खाद देकर बरगद एक दिन उन्हें बनाते
शिक्षा ही है पावन गंगा और यमुना
स्नान कर इसमें निर्मल सभी हो जाते
हमारी सभ्यता संस्कृति उपदेशक बन समझाते
गुरु का पद है सर्वश्रेष्ठ सबको यह बतलाएं
गुरु भाग्य विधाता करें यदि परिश्रम हम
हाथों में शिक्षा की लकीरें जो है
उसको पढ़ते आगे बढे हम
पढ़ते आगे बढे हम

✍️
 नीलम दुबे 
कम्पोजिट विद्यालय रायगंज
 खोराबार गोरखपुर

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