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एगो शिक्षक के एगो निवेदन

एगो शिक्षक के एगो निवेदन
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया,
 जवन कुछ हमरे आवे समझावे द भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया।
दे द विद्यालय में हमरे,पांच पांच गो टीचर,
एक दुई तीन से नाही,बन पाई लड़िकन के फ्यूचर,
करके देखलाइब जवन चहबा,उहे करावे द भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया।
बिजली पानी के सुविधा द,दे दा फर्नीचर व  ईएल,
घर के  कुल  काम न हो पाई कम बाड़े चौदह सीएल,
पेंशन दे दा हमके पुरानी,अउर पीएफ ये भैया

हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया।
जब दुःखी रही शिक्षक,त शिक्षा कइसे दे पाई,
का करी तब जब घरवे में,बीमार होइहे बाबू माईं,
बतिया कही ले साँचो,हमके चाही बढ़ावा ए भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया,
पत्रकार स्कूल में आवे,बस कमी के फोटू खींचे,
कमी कहाँ से आईल बा,ई बतिया केऊ न बुझें,
खाली देले टेंशन,टेंशन ई हटावा ए भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया।
गउवा में केतना काबिल अइसन,जे खाली धता बताएं,
जब कौनो स्कूल में जाए,जाए त बस फोटू खिंचाएं,
सबही समझ गईल बाड़े,न भरमावै द भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया।
हम चाहत बानी हमके,सबही दें प्रोत्साहन
सबही मिलके सहयोग करे,न करें कौनो दोहन,
सबही मिलके रहें,दीपक इहे बतावे ए भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया,
ई अखिरी लाइन में सबसे,करत बानी निवेदन,
आकांक्षी जिला से भी ट्रांसफर के,ले ला आवेदन,
घरवा जाय द हमके,अब न तड़पावा ए भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया,
 जवन कुछ हमरे आवे समझावे द भैया,
हमके हमरे ही तरीके से पढ़ावे द भैया।


✍️ रचयिता
दीपक कुमार यादव(स•अ•)
प्रा वि मासाडीह महसी
बहराइच (उ•प्र•)
मोबाइल
9956521700

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