गूगल और गुरु
गूगल से गुरू हेरइलें,
चैटिंग से अभिध्यान।
लोक लगाव खतम हो गइल,
बढ़ऽता अभिमान॥
चैटिंग से अभिध्यान।
लोक लगाव खतम हो गइल,
बढ़ऽता अभिमान॥
कबीर तुलसी के बात भुलाइल,
नया नोचर बनि गइल नीति।
ना बनऽता सुंदर घड़ा,
ना ही उपजे प्रीति ॥
नया नोचर बनि गइल नीति।
ना बनऽता सुंदर घड़ा,
ना ही उपजे प्रीति ॥
डाँटे बोले के हईये नइखे,
डंडा त अब दूर बा।
लाज हया सब खतम हो गईल,
बिगड़त सबके नूर बा॥
डंडा त अब दूर बा।
लाज हया सब खतम हो गईल,
बिगड़त सबके नूर बा॥
गणित विज्ञान पर जोर दियाता,
नैतिक शिक्षा गायब बा।
ऊपर से बस चामुक- चुमुक,
भीतर से सब गायब बा॥
नैतिक शिक्षा गायब बा।
ऊपर से बस चामुक- चुमुक,
भीतर से सब गायब बा॥
संस्कृत रास आवत नइखे,
संस्कृति लगे आवत नइखे।
भूगोल में गोले बा ,
इतिहास समझ में आवत नइखे॥
संस्कृति लगे आवत नइखे।
भूगोल में गोले बा ,
इतिहास समझ में आवत नइखे॥
मूल्य पर जोर दियाते नइखे,
भुलाईल अब हड़प्पा।
आजु के पीढ़ी एइसन भईल,
भुलात नइखे कटप्पा॥
आजु के पीढ़ी एइसन भईल,
भुलात नइखे कटप्पा॥
मूल सुधार जरूरी बा,
मन में उहे समाय।
जरि बिगड़ी त सुधरी नाहीं,
केतनो होई उपाय॥
मन में उहे समाय।
जरि बिगड़ी त सुधरी नाहीं,
केतनो होई उपाय॥
कोई टिप्पणी नहीं