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सिख पंथ – पग पग पर सेवा का संदेश


सिख पंथ – पग पग पर सेवा का संदेश


पग पग पर सेवा का संदेश,
सिख पंथ का है यह स्वरूप।
कृपाण है हाथ में,
पर धर्म परिवर्तन नहीं।

गुरुद्वारे में सबका स्वागत,
धर्म जाति पूछ नहीं।
रोटी सबको खिलाते हैं,
बदलते नहीं किसी का धर्म।

वीरता और त्याग की मिसाल,
सिख पंथ है दुनिया में।
खुद को कुर्बान कर देते हैं,
देश और धर्म की रक्षा में।

श्रद्धा से सिर झुक जाता है,
सिख पंथ के वीरों को देखकर।
ऐसे पंथ के लिए सम्मान,
है हर इंसान का कर्तव्य।


इस कविता में सिख पंथ की वीरता, त्याग और सेवा की भावना को प्रदर्शित किया गया है। सिख पंथ के अनुयायी अपने धर्म को लेकर अत्यंत श्रद्धालु होते हैं, लेकिन वे दूसरों के धर्म का भी सम्मान करते हैं। वे कभी भी अपने धर्म के प्रचार के लिए हिंसा या जबरदस्ती का सहारा नहीं लेते हैं। सिख पंथ के अनुयायी हमेशा दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का व्यक्ति हो। इस कविता में सिख पंथ के लिए सम्मान और श्रद्धा व्यक्त की गई है।


✍️  लेखक : प्रवीण त्रिवेदी
शिक्षा, शिक्षण और शिक्षकों से जुड़े मुद्दों के लिए समर्पित
फतेहपुर


परिचय

बेसिक शिक्षक के रूप में कार्यरत आकांक्षी जनपद फ़तेहपुर से आने वाले "प्रवीण त्रिवेदी" शिक्षा से जुड़े लगभग हर मामलों पर और हर फोरम पर अपनी राय रखने के लिए जाने जाते हैं। शिक्षा के नीतिगत पहलू से लेकर विद्यालय के अंदर बच्चों के अधिकार व उनकी आवाजें और शिक्षकों की शिक्षण से लेकर उनकी सेवाओं की समस्याओं और समाधान पर वह लगातार सक्रिय रहते हैं।

शिक्षा विशेष रूप से "प्राथमिक शिक्षा" को लेकर उनके आलेख कई पत्र पत्रिकाओं , साइट्स और समाचार पत्रों में लगातार प्रकाशित होते रहते हैं। "प्राइमरी का मास्टर" ब्लॉग के जरिये भी शिक्षा से जुड़े मुद्दों और सामजिक सरोकारों पर बराबर सार्वजनिक चर्चा व उसके समाधान को लेकर लगातार सक्रियता से मुखर रहते है।

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