निपुण भारत बनाएं
निपुण भारत बनाएं
आओ मिल सब गाए,
निपुण भारत बनाएं।
कार्यविधि, गतिविधियां
सब समझे समझाएं।
निपुण भारत बनाएं।
हर बच्चे को ज्ञान के,
सोपान तक ले जाएं।
जो निर्धारित लक्ष्य उस तक, सुगमता से पहुंचाए।
आओ निपुण भारत बनाएं...
जैसे साधना ईश्वर की,
हरमन शुद्धता से अपनाएं।
वैसे ही हम शिक्षा की
नवकुसुमों में,
अखंड ज्योति जलाए।
आओ निपुण भारत बनाएं....
बहुत होनहार है तारे,
अपने गगन के
अंधेरी रातों में रोशन कर
इनको जगमगाए।
मिलकर नया निपुण भारत बनाएं,,,
माना कि लक्ष्य की राहों पर
आते हैं कई अंधेरे,
संघर्ष, मेहनत और लगन से
होंगे निपुण भारत के सपने पूरे।
जोड़े उन को लक्ष्य से,
लक्ष्य की ओर ले जाएं।
आओ मिलकर एक निपुण भारत बनाएं.....
चार दिवस के प्रशिक्षण में
जो सीखा वह अपनाएं।
पढ़ने और लिखने की,
दक्षता अब हर छात्र में आए।
माना कठिन है डगर,
निपुण लक्ष्य पाने की।
कोशिश से ही मिलती मंजिल,
बात ये सबको समझाने की।
मिलकर रोज नया एक,
दक्षता पार कराए।
चमन में शिक्षा का,
सुंदर पुष्प उगाए।
सभी बच्चों को शिक्षा के,
चमन में महकाएं
हां हमसब मिलकर......
एक निपुण भारत बनाएं।।
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दीप्ति राय ( दीपांजलि)
सहायक अध्यापक
कंपोजिट विद्यालय रायगंज खोराबार गोरखपुर
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