मां शारदे
मां शारदे
जय जय हे शारदे मां !सुन ले अरज हमारी।
मझधार में है नैया ,विनती करूं तुम्हारी।।
माता तू बुद्धि वर दे ,दुख दर्द दूर कर दे।
आसन धवल कमल पर ,हंसों की है सवारी।।
जय जय हे शारदे मां------
वीणा बजाने वाली ,सदज्ञान देने वाली ।
हिरदय में बस रही हो वागीश्वरी मां प्यारी।।
जय जय हे शारदे मां------------
कर वेद पुस्तिका हो ,पद शीश भक्त का हो।
हो ज्ञान दान देती, पहने हो श्वेत साड़ी।।
जय जय हे शारदे मां----------
अज्ञान तिमिर क्षय हो ,शुभ ज्ञान रवि उदय हो।
स्वीकार मम विनय हो ,आई शरण तिहारी।।
जय जय हे शारदे मां------------
करती सुमन समर्पित , निज भाव पुष्प अर्पित।
मम शीश हाथ रख दो सर्वस्व तुझ पे वारी।।
जय जय हे शारदे मां---+---
के
✍️
बृजबाला श्रीवास्तव सुमन
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
कोई टिप्पणी नहीं