धन्यवाद हे! ईश्वर
काल चक्र चल रहा है अविराम ।
प्रकृति हमें दे रही दृश्य नयनाभिराम।।
हिमालय कर रहा हमारी रक्षा अविचल।
सुंदर सागर दे रहा रत्न अनमोल।।
माता पिता परिवार बरसा रहे स्नेह अपरिमित।
नदियां दे रही है शक्ति असीमित।।
हम भी होना चाहे इस योग्य ।
जो किंचित कर पाएं राष्ट्र योग्य।
धन्यवाद ईश्वर आपने बनाया हमे निम्मित।
कर सुशिक्षित पीढ़ी बनाएं राष्ट्र गौरवान्वित।।
✍ शुचिता शर्मा
(स.अ.)
पूर्व माध्यमिक विद्यालय मदारपुर
वि. क्षेत्र-परसेंडी
जनपद -सीतापुर ।
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