दीप हुए हैं रोशन रोशन
दीप हुए हैं रोशन रोशन
आई दीपावली.....
दीप हुए हैं रोशन रोशन।
घर आंगन सब चमक रहे हैं,
उज्जवल उज्जवल सब दमक रहे हैं।
तम भागा है आज देख कर
दीयो की लंबी टोली।
बोल रहे एक दूजे से
सब प्यार भरी बोली।
सकल दीयो से जैसे,
संसार रोशन हो जाए।
सुंदर दीप जले एकता का,
धरा पुलकित हो जाएं।
अग्रज का सम्मान करें हम
स्नेह की बाती बन जाए।
सुख,समृद्धि,रिश्तो की,
सुंदर सी झालर बनाएं।
भेदभाव ईर्ष्या छोड़ें अब,
मिल सब प्यार की
इंद्रधनुषी रंगोली सजाएं।
आई दीपावली............
दीप हुए हैं रोशन रोशन।
रिद्धि,सिद्धि,शुभ लाभ विराजे,
हर आंगन,हर आलय में।
मिला तेल संकल्पों का
जलाएं दीया, एक,एक
घर आंगन में।
यह पावन पर्व पुरुषार्थ का,
जगमग दीपों के दिव्यार्थ का,
आशीष भरे मधुर उपहार का।
अंतस का भी दीप हमे जलाना है, बाहर का अंधियारा हमें मिटाना है।
हां दीपावली .....
झिलमिल रोशनी से अविरल
दे रही शुभकामना।
आस्था,विश्वास में हर्षित रहे
यही मंगल दीपावली कामना।
आई दीपावली.......
दीप हुए हैं रोशन रोशन।
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दीप्ति राय (दीपांजलि)
सहायक अध्यापक
कंपोजिट विद्यालय रायगंज खोराबार गोरखपुर
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