तू सबका शुक्रिया करता चल
तू सबका शुक्रिया करता चल
ये जीवन तुझे परम लक्ष्य तक पहुँचाएगा।
शुकराने का भाव जीवन में जब तू लाएगा।।
कोई तुझे देख गदगद् हो जाएगा,
तो कोई अजीबोगरीब मुँह बनाएगा।।
कोई तेरी तारीफों में कशीदे गढे़गा।
तो कोई पीठ पीछे बुराईयाँ करेगा।।
कोई तेरी राहों में फूल बिछाएगा।
तो कोई शूलों के बिस्तर पर पहुँचाएगा।।
कोई तेरी खामियों को अच्छाईयों में गढ़ेगा।
तो कोई अच्छाईयों में भी बुराईयाँ ढूँढेगा।।
कोई तुझे हार पर हार पहनाएगा।
तो कोई तुझे हराने पे तुल जाएगा।।
कोई तुझे ढेर सारी दुआएँ देगा।
तो कोई सारा वक्त कोसने में लगाएगा।।
कोई तेरी लम्बी उम्र चाहेगा।
तो किसी को फूटी आँख न सुहाएगा।।
कोई तेरे जीवन में पुष्प छितराएगा।
तो कोई पैरों तले धरती खिसकाएगा।।
कोई तुझे देख खिल-खिल जाएगा।
तो कोई तुझे देखते ही मुर्झा जाएगा।।
दोनों ही प्रकार की तरंगें यहाँ हैं तरंगित।
शुकराने के भावों से रह तू सम भावित।।
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प्रतिभा भारद्वाज, अलीगढ़
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