प्यारे बच्चो पढ़ना तुम- सरहद से एक सैनिक
सरहद से -एक सैनिक
******
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सरहद की चिंता ना करना ।
आने वाला कल हो तुम ।
सुख चैन से रहो तुम ।
आज तो हम है ।
पर ध्यान रखना ।
आने वाला कल हो तुम।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है ।
लहू दिया था शहिदो ने ।
जो आज ये दिन देखा है ।
आजादी की इस हवा में ।
उनको ना भूल जाना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है ।
त्याग बलिदान का जीवन लेकर ।
प्रगति पथ पर बढ़ना तुम ।
जाति पाति की ।
भेदभाव की उस धारा से ।
ऊपर उठकर सोचना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है ।
क्या कारण थे गुलामी के ।
इतिहास की पुस्तक पढ़ जाना तुम ।
फिर वही गलती न दोहराना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम।।
विश्व् धर्म सम्मेलन में ।
क्या संबोधन था ।
स्वामी विवेकानंद जी का ।
उससे गौरवान्वित हो जाना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
थे हमारे मिसाइल मैन ।
त्याग समर्पण और सेवा ।
का था जिनमे अनूठा भाव ।
दी देश को नई पहचान ।
उनके आदर्श अपनाना तुम ।
प्यारे बच्चे पढ़ना तुम ।।
अहिंसा का दीप जलाकर ।
पूरा विश्व जगा डाला ।
बापू ने अपने तेज से ।
दुनिया को रोशन कर डाला ।
उनकी शिक्षा अपनाना तुम ।
प्यारे बच्चे पढ़ना तुम ।।
भगतसिंह ,राजगुरु ,सुखदेव।
और आज़ाद ने ।
काट दिया था अपने रक्तसे ।
गुलामी की जंजीरों को ।
आजादी की इस हवा में ।
महक उनकी सूंघ जाना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
******
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सरहद की चिंता ना करना ।
आने वाला कल हो तुम ।
सुख चैन से रहो तुम ।
आज तो हम है ।
पर ध्यान रखना ।
आने वाला कल हो तुम।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है ।
लहू दिया था शहिदो ने ।
जो आज ये दिन देखा है ।
आजादी की इस हवा में ।
उनको ना भूल जाना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है ।
त्याग बलिदान का जीवन लेकर ।
प्रगति पथ पर बढ़ना तुम ।
जाति पाति की ।
भेदभाव की उस धारा से ।
ऊपर उठकर सोचना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
सर्व शिक्षा अभियान है ।
हम आपके साथ है ।
क्या कारण थे गुलामी के ।
इतिहास की पुस्तक पढ़ जाना तुम ।
फिर वही गलती न दोहराना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम।।
विश्व् धर्म सम्मेलन में ।
क्या संबोधन था ।
स्वामी विवेकानंद जी का ।
उससे गौरवान्वित हो जाना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
थे हमारे मिसाइल मैन ।
त्याग समर्पण और सेवा ।
का था जिनमे अनूठा भाव ।
दी देश को नई पहचान ।
उनके आदर्श अपनाना तुम ।
प्यारे बच्चे पढ़ना तुम ।।
अहिंसा का दीप जलाकर ।
पूरा विश्व जगा डाला ।
बापू ने अपने तेज से ।
दुनिया को रोशन कर डाला ।
उनकी शिक्षा अपनाना तुम ।
प्यारे बच्चे पढ़ना तुम ।।
भगतसिंह ,राजगुरु ,सुखदेव।
और आज़ाद ने ।
काट दिया था अपने रक्तसे ।
गुलामी की जंजीरों को ।
आजादी की इस हवा में ।
महक उनकी सूंघ जाना तुम ।
प्यारे बच्चो पढ़ना तुम ।।
रचनाकार
प्रमोद कुमार, सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय धावनी हसनपुर,
वि0क्षे0-बिलासपुर,
जनपद-रामपुर।
प्रमोद कुमार, सहायक अध्यापक,
पूर्व माध्यमिक विद्यालय धावनी हसनपुर,
वि0क्षे0-बिलासपुर,
जनपद-रामपुर।
कोई टिप्पणी नहीं