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मेरो श्याम सलोने

मेरो श्याम सलोने


हसत बिहसत मेरो मन में 
 बस गयो श्याम सलोने।
मोहनी सूरत चंचल बतियो ने
 सुध-बुध मेरो छीने।

गोकुल कुंज वृंदावन में 
नटखट श्याम सलोने
रास रचावे मुरली बजावे।
 ग्वाल बाल सब सखा संग
 गोकुल में धूम मचावे।
 मैया,तात,सखा,दाऊ के
 सुंदर श्याम खिलौने।
मेरो श्याम सलोने.... 

कोई कहत है मुरलीवाला 
कोई कहत दधि माखनचोर। 
कहत है कोई कजरारे नैनोंवाला 
कोई कहत गोकुल चितचोर।
मेरो श्याम सलोने....

ग्वाल बाल गोपियाँ सारी 
प्रेम दीवानी तेरो।
राधा भी छुप यमुना तट पर 
बस नाम रटे है तेरो।
 मधुर तान बंसी की सुन 
सुध-बुध सबके भूलि।
देख तुम्हारो छवि मनोहर 
तन मन सबके डोली।
मेरो श्याम सलोने....

 हिय की अनगिनत
 बातें सारी
 तुम बिन न जाने कोई।
 सगरी विपदा मेरो तन की
सुलझा ना पाए 
तुम बिन कोई।
मेरो श्याम सलोने ....

बस एक तू ही 
सुनता मेरे हिय की
तुझे बताऊ मेरो श्याम।
एक अरज बस हमरी तुमसे
 ओ राधा के साँवरे।
त्यागू जग से मोह मै सारे 
रटू बस एक तेरा नाम सांवरे।।
मैं तुझे बताऊं मेरो श्याम।

आओ तुम अब मेरो श्याम 
नेह बरसाते पलके बिछाके
कहां छिपे हो ओ गिरधारी।
 अखियाँ तरसे पथ निहारते
आ जाओ अब ओ बनवारी।
आओ तुम अब मेरो श्याम।
हां ..
मेरो श्याम सलोने 
सुंदर श्याम सलोने।

✍️
दीप्ति राय दीपांजलि 
कंपोजिट विद्यालय रायगंज खोराबार
गोरखपुर

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