अमृत महोत्सव
अमृत महोत्सव
हा ! मै आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हूं.....
मै भारत की गौरवगाथा गा रहा हूं....
शहादत और बलिदान की कहानियां सुना रहा हूं.....
मै अपने भारत की पहचान करवा रहा हूं....
हा ! मै रामराज्य के सपने दिखा रहा हूं.....
संविधान और धर्म के मायने बता रहा हूं......
हा ! मै आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हूं.....
बेबाक है शब्द मेरे, देशभक्ति के मायने बता रहा हूँ.....
मै इन 75 वर्षों की समय यात्रा समझा रहा हूं.....
हा ! मै आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हूं.....
मै तिरंगे को जीवन समर्पित करता जा रहा हूं.....
मै संघर्ष की काली रातों से लड़ता जा रहा हूं....
हा ! मै आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा हूं.....
✍️
शुभम श्रीवास्तव
जनपद -अमेठी
सहायक अध्यापक
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