शिक्षक
शिक्षक
विद्या का भंडार
ज्ञान का वृहद सरोवर
सर्व गुणों की खान है शिक्षक।
मुख से निकले शब्दों की
पहचान है शिक्षक ।
रात के अंधकार से भरे जीवन में जगमगाता दीप है ,
मन की पीड़ा हरे
दिव्य सरस सा जीवन
करता है शिक्षक ।
संपति शिक्षा का रखता
सर्वधन से सर्वोपरि,
ज्ञान की अनमोल माला
है शिक्षक।
वाणी अमृत सी बोले
अच्छे बुरे का,
संज्ञान रखता है शिक्षक।
सूर्य की किरणों सा अनमोल उजाला है शिक्षक।
न करता जाति धर्म में भेद, पक्षपात से दूर रहता
निश्छल सा सखा हरपल
बनता है शिक्षक ।
बाल रूप से जीवन पर्यंत तक, सौंदर्य पूर्ण सृजनात्मकता भरा व्याख्यान देता है ,
अधखिले फूलों की खुशबू को जग में फैलाता है शिक्षक।
हरपल संचित ज्ञान से
भविष्य बनाता है शिक्षक ।
प्रेम सरिता बहाकर हर नाव को पार लगाता है शिक्षक।
इस जग में सर्वोत्तम गुणों की खान है शिक्षक।
हमारी देश की पीढ़ी का
आधार है शिक्षक ।
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दीप्ति राय (दीपांजलि)
सहायक अध्यापक
प्राथमिक विद्यालय रायगंज खोराबार गोरखपुर
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