दहेज प्रथा
दहेज प्रथा
बंद करो अब बंद करो,
दहेज प्रथा का यह व्यापार।
जिसको कहते सब लक्ष्मी,
करते फिर क्यों!
उस पर अत्याचार।
बेटी बिन घर आंगन सूना
मत छीनो उसका अधिकार।
संगिनी ,भगिनी ,सुता वही है,
करो थोड़ा तुम यह विचार।
त्याग करो हृदय से अपने,
कुंठित सोच अमानवीय व्यवहार।
अब से तुम उठ जाओ,
जागरूकता जन-जन में फैलाओ।
जले ना कोई बेटी अब,
ऐसी एक नई राह बनाओ।
बेटी का सम्मान करो,
बेटी नहीं पराया धन।
जननी है वह संपूर्ण धरा की,
हर्षपूर्ण स्वीकार करें यह मन।
बेटी की खुशियां ना तोलो,
दहेज के साथ,
जो मांगे बेटी की कीमत,
तोड़ दो उसके सारे हाथ।
बड़ा अपराध है,समझो समझाओ
दहेज लेना देना बंद कराओ।।
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दीप्ति राय "दीपांजलि"
सहायक अध्यापक
कंपोजिट विद्यालय रायगंज खोराबार गोरखपुर
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