अटल "अटल जी"
अटल "अटल जी"
अटल जी को समर्पित कुछ पंक्तियाँ......
अटल मार्ग पर चलने वाले "अटल जी" तुम चल दिये,
भारत रत्न इस धरा को तुम सूना करके चल दिये।
ज्ञानदीप को निज रचनाओं से प्रज्ज्वलित कर तुम चल दिये,
राजनीति के मर्मज्ञ नये आयाम गढ़ तुम चल दिये।
ऊर्जावान,प्रभावशाली तुम स्वाभिमान की ज्वलंत चिन्गारी,
मृत्यु अटल सत्य है इस लोक मे आज तेरी कल उसकी बारी ।
रार नही ठानूगाँ हार नहीं मानूगाँ कहते थे तुम ये व्रतधारी,
सरल मुस्कान बिखेरी तुमने चाहे संकट हुआ चाहे कितना भारी।
आपके अटल इरादों को "अटल जी" काल भी न डिगा सका,
अटल मृत्यु का शाश्वत सत्य भी न आपके नाम को मिटा सका।
आपको इस पावन धरा का जन जन वन्दन करता है।
स्तब्ध निशब्द अभिषेक आपको शत शत प्रणाम करता है।
✍ रचनाकार :
अभिषेक शुक्ला "सीतापुर"
सहायक अध्यापक
प्रा.वि.लदपुरा
वि.क्षे. अमरिया
जिला:- पीलीभीत
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