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आजादी के मतवाले

"आजादी के मतवाले" हँसकर फंदे पर झूल गये,
बोलो उन वीर सपूतो को हम सब कैसे भूल गये।

मंगल पांडेय ने देखो आजादी का बिगुल बजाया था,
टोली संग अपनी अंग्रेजो को खूब मजा चखाया था।

रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजो के छक्के छुड़ा दिये,
अपनी तलवार से जाने कितने दुश्मन मिटा दिये।

आजादी की परिभाषा चंद्रशेखर आजाद सिखा गये,
अल्फ्रेड पार्क मे न जाने वह कितनी लाशे बिछा गये।

ऊधमसिंह सबको स्वाभिमान से रहना सिखा गये,
जलियावाले का ले बदला डायर को मजा चखा गये।

भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु के भी अंदाज निराले थे,
ये सब वीर सपूत भारत की आजादी के सच्चे दीवाने थे।

अशफाक खाँ ,राजनरायन मिश्र आजादी की राह दिखा गये,
कर आहुत अपने प्राण वो भी शान से तिरंगा फहरा गये ।

मोहम्मद इकबाल इस देश की शान से शौर्य गाथा गा गये,
'सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा' ये सबको बता गये।

ये देश प्रणाम उन वीर सपूतो को आज भी प्रतिपल करता है,
जो आजादी दिला गये उनको नमन "अभिषेक" यह करता है।



✍ रचनाकार : 
अभिषेक शुक्ला "सीतापुर"
सहायक अध्यापक
प्रा.वि.लदपुरा
वि.क्षे. अमरिया
जिला:- पीलीभीत

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