आजादी का जश्न
लालकिले पर झंडा फहरे ,दिल्ली जश्न मनाती है
स्वतन्त्रता है पर्व राष्ट्रीय,अखंड ज्योति जलाती है
पूरा भारत गूँज रहा ,जय भारत माँ की नारों से
राजपथ पर आज कोलाहल,वीरों की जयकारों से
विविध संस्कृति को दर्शाती,देखो निकली झांकी है
अपराधी को सबक सिखाती,सम्मानित हर खाकी है
आजादी की तस्वीरों को,देख तन-मन झंकृत है
माँ भारती की शीश पर,सुनहरा मुकुट अलंकृत है
आजादी के इस उत्सव पर,देता तोप सलामी है
वीर जवानों की भूमि पर,स्वीकार नहीं गुलामी है
राजगुरु,सुखदेव,भगत सिंह,अपना जान गवाएं थे
अशफाकउल्ला और बिस्मिल,गोरों को दहलाये थे
मातृभूमि की आजादी,जिनको जान से प्यारी थी
मरदानी वह लक्ष्मी बाई,अंग्रेजों पर भारी थी
गांधीजी की सत्य-अहिंसा,पर हमको अभिमान है
धन-धान्य से भरी वसुंधरा,मेरा देश महान है
दिन है पावन आजादी का,मिलकर इसे मनायेंगे
भेदभाव की बात भुलाकर, सबको गले लगायेंगे
भारत के वीर शहीदों तुझपर,अर्पित पुष्पांजलि है
आजादी को कायम रखना ही,सच्ची श्रद्धांजलि है
रचनाकार
योगेन्द्र प्रताप मौर्य
बरसठी,जौनपुर
8400332294
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